लद्दाख के इंजीनियर और शिक्षा सुधारक सोनम वांगचुक ने कड़ाके की ठंड में पहाड़ों पर तैनात भारतीय सेना के जवानों के लिए एक सुरक्षा ‘कवच’ तैयार किया है. सोनम वांगचुक ने एक ऐसे टेंट का निर्माण किया है.जब बाहर का तापमान माइनस 20 डिग्री होगा है तो टेंट के अंदर का तापमान 15° रहेगा.10 जवानों के रहने लायक यह टेंट सूरज की गर्मी से गरम रहेगा.खास बात यह है कि 30 किलो का यह टेंट पूरी तरह से पोर्टेबल है और दो चेंबर में बंटा हुआ है शयन कक्ष और विश्राम कक्ष.इस टेंट की खासियत यह है कि यह सौर ऊर्जा की मदद से काम करता है.दस जवानों के रहने लायक इस टेंट के अंदर का तापमान 20 डिग्री तब रहता है, जब बाहर का तापमान माइनस 20 डिग्री हो.
सोनम वांगचुक को इस टेंट के अविष्कार में 4 सप्ताह का समय लगा उनका यह अविष्कार भारतीय सेना के लिए किसी तोहफे से कम नहीं है.इस टेंट के जरिए बॉर्डर पर तैनात सैनिकों को कड़ाके की ठंड से बचने में मदद मिलेगी साथ ही देश का खर्चा भी बचेगा.मड हट्स यानी कीचड़ की मदद से बने ये टेंट पूरी तरह से सोलर एनर्जी से चलेंगे और इन्हे बाहर से गर्म करने के लिए बहुत कम हीटिंग की जरूरत पड़ेगी.
आपको बता दें कि सोनम वांगचुक वही शख्स हैं, जिन पर सुपरहिट फिल्म थ्री इडियट्स बनी थी.इस फिल्म में आमिर खान ने सोनम वांगचुक की भूमिका निभाई थी और उनका नाम रैंचो था.सोनम वांगचुक को उनके आईस स्तूरप के लिए भी जाना जाता है। उनके इस आविष्का र को लद्दाख का सबसे अच्छा आविष्कासर माना जाता है..वांगचुक ने उच्चग शिक्षा से जुड़े हिमालयन इंस्टीसट्यूट ऑफ अल्टलरनेटिव्सै की भी शुरुआत करके कमाल किया है.