उत्तराखंड के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल कौसानी से 10 किलोमीटर दूर स्थित ऊंची पहाड़ी पर बसा पिनाकेश्वर महादेव का मंदिर श्रद्धालुओं की अगाध श्रद्धा व अटूट आस्था का प्रतीक है.पिनाकेश्वर महादेव मंदिर बागेश्वर और अल्मोड़ा जिले की सीमा में पड़ता है…कार्तिक पूर्णिमा को मंदिर परिसर में विशाल मेला लगता है और हजारों श्रद्धालु यहां आकर पूजा-अर्चना करते हैं और भगवान भोलेनाथ से मन्नत मांगते हैं..पिनाकेश्वर महादेव का मंदिर पिनाथ नाम की पहाड़ी पर प्रकृति की खूबसूरती के बीच बना है.पिनाकेश्वर महादेव मंदिर से सूर्योदय और सूर्यास्त का नजारा देखने लायक होता है.पिनाथ पर्वत से हिमालय की लंबी श्रृंखला के अलावा सोमेश्वर और गेवाड़घाटी दिखाई देती है.समुद्र तल से लगभग आठ हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित इस शिव मंदिर का निर्माण राजा बाल बहादुर चंद ने 1438 इसवीं में शिकार के दौरान किया था.राजा बाल बहादुर को भगवान शिव ने खुश होकर पुत्र का वरदान दिया जिसका नाम उन्होंने उदेचंद रखा.राजा बाल बहादुर ने इस मंदिर तक पहुंचने के लिए 365 सीढि़यां भी बनाई.ऐसी मान्यता है कि जो भी व्यक्ति मंदिर में सच्चे मन से पहुंचता है…भोलेनाथ उसकी सभी मनोकामनाओं को पूरा कर देते हैं.मंदिर में पानी के दो कुंए भी हैं..इन्हीं कुओं से मंदिर के कार्यों के लिए पानी लाया जाता है.पिनाकेश्वर महादेव मंदिर में बागेश्वर और अल्मोड़ा जिले के कई गांवों के लोग पूजा के लिए आते हैं.निसंतान महिलाएं कार्तिक महीने के चतुर्दशी की रात यहां अखंड दीपक जलाती हैं.मान्यता है कि महादेव प्रसन्न होकर उन्हें संतान सुख देते हैं.भोलेनाथ के इस मंदिर में मान्यता पूरी होने पर लोग घंटे,घड़ियाल,चांदी के छत्र चढ़ाने के अलावा भंडारे का भी आयोजन भी करते हैं..मंदिर में पूजा पाठ की जिम्मेदारी कांटली के कांडपाल परिवारों के पास है.जबकि कांटली मठ की व्यवस्था श्री महंत नरेंद्र गिरि महाराज की देखरेख में चलती हैं पिनाकेश्वर महादेव को आराध्य देव के नाम से भी जाना जाता है…कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर हर साल यहां तीन दिन के लिए बड़ा मेला लगता है.तीन दिवसीय मेले का समापन शिव पूजा और हवन के साथ होता है.श्रद्धालु यहां भोलेनाथ को भोग लगाते हैं.भगवान के दर्शन करते हैं.यहां जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से मनौती करता है.उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है.पिनाकेश्वर महादेव मंदिर कुमाऊं के साथ गढ़वाल के लोगों की आस्था का भी केंद्र है.यहां हर साल हजारों लोग पूजा अर्चना के लिए आते हैं.अगर आप भी पिनाकेश्वर महादेव के दर्शन करना चाहते हैं तो अल्मोड़ा जिले के कौसानी होते हुए यहां पहुंचा जा सकता है..कौसानी से कांटली तक सड़क मार्ग के जरिए और फिर यहां से लगभग 5 किलोमीटर जंगली मार्ग के जरिए पैदल यहां पहुंचा जा सकता है.
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