उत्तराखंड के चमोली में आई तबाही का आज चौथा दिन है..चमोली में रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है,एनटीपीसी की क्षतिग्रस्त तपोवन प्रोजेक्ट की सुरंग में फंसे लोगों को बचाने के लिए सेना, एनडीआरएफ, आईटीबीपी, एसडीआरएफ ने पूरी ताकत लगा दी है और अब मरीन कमांडो का दस्ता भी रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए पहुंच चुका है,अबतक 32 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 197 लोग लापता हैं जिनकी तलाश जारी है.तपोवन टनल में अब भी 30 लोगों के फंसे होने की बात कही जा रही है….अधिकारियों को उम्मीद है कि फंसे लोगों को सुरक्षित सुरंग से बाहर निकाला जाएगा, हालांकि सुरंग में फंसे लोगों से संपर्क साधा नहीं जा सका है.वहीं टनल में जलस्तर बढ़ने से रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आ रही है.इस वजह से ड्रोन और लेजर इमेजिंग का इस्तेमाल किया जा रहा है….वहीं चमोली में आई आपदा से सबसे ज्यादा प्रभावित रैणी और लाता गांव में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने दौरा किया और हालातों का जायजा लिया,लापता लोगों के परिजनों और आपदा पीड़ितों से भी सीएम ने मुलाकात की,इन इलाकों में राहत सामग्री, खाने का सामान और स्वास्थ सेवा पहुंचाने का काम लगातार जारी है,चमोली हादसे के बाद 600 से अधिक सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के जवान बचाव कार्य में जुटे हुए हैं. ये जवान बाढ़ से प्रभावित और संपर्क से बाहर हुए गांवों में खाना, दवाईयां और अन्य जरूरी चीजें पहुंचा रहे हैं. आपदा ने संपत्ति को भी खासा नुकसान पहुंचाया है.चमोली में एनटीपीसी के 480MW तपोवन-विष्णुगढ़ हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट और 13.2 MW ऋषिगंगा प्रोजेक्ट को भी भारी नुकसान पहुंचा है.सैलाब में कई घर भी बह गए हैं
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