कोरोना की दूसरी लहर के वक्त राजस्थान के मुख्मयंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने प्रदेश के 25 सांसदों से राज्य के लिए मदद की बात को दिल्ली में केंद्र सरकार तक पहुंचाने की अपील पर हनुमान बेनीवाल ने (Hanuman Beniwal) ने सीएम को घेरा है। उन्होंने इसे महज़ खानापूर्ति बताया है। हनुमान बेनीवाल ने कहा कि वो राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर जनता की सेवा करें, सिर्फ एसी कमरों में अधिकारियों के साथ वीडियो कॉनफ्रेंसिंग से जनता का भला नहीं होने वाला।
केंद्र से निष्पक्ष मदद की मांग
हनुमान बेनीवाल ने राज्य सरकार के साथ ही केंद्र सरकार को भी कटघरे में खड़ा करते हुए कहा है कि आपदा के वक्त लोगों की जान जा रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन (Dr Harshvardhan) को टैग करते हुए एक ट्वीट भी किया है, जिसमें उन्होंने मांग की है कि कोरोना से लड़ाई में राजस्थान से बिना किसी भेदभाव के ज़रूरी मेडिकल सुविधाएं राजस्थान को जल्द से जल्द उपलब्ध कराई जाएं। इसमें रेमेडिसिविर इंजेक्शन और तमाम लोगों के लिए कोरोना वैक्सीन की उपलब्धता सुनिष्चित किए जाने की मांग भी शामिल थी।
RLP ने की मदद
प्रदेश सरकार को कोरोना काल में निष्क्रिय बताते हुए बेनीवाल ने कहा कि कोरोना काल में तमाम लोगों के साथ ही राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने करीब 1 करोड़ रुपये की मदद, सांसद के तौर पर उन्होंने खुद भी सीएम और पीएम रिलीफ फंड में 2 लाख की मदद तो की ही थी, साथ ही बतौर सांसद अपने MP फंड से भी उन्होंने प्रदेश में मेडिकल सुविधाओं के लिए 50 लाख की मदद की थी। लेकिन गहलोत सरकार कोरोना मैनेजमेंट में फेल रही।
जन अनुशासन पखवाड़ा दिखावा है
हनुमान बेनीवाल ने ये भी आरोप लगाया कि प्रदेश में जन अनुशासन पखवाड़े के नाम पर भी दिखावा किया जा रहा है। क्योंकि जब ज़रूरी सेवाओं के नाम पर हर तरह के बाज़ार, कारोबार तक करने की छूट दी जाएगी तो फिर भीड़ लगने से कैसे रोका जा सकेगा।