क्या अशोक गहलोत को फंसाने की फिर शुरू हो गई है साज़िश?
जयपुर ज़िले के चाकसू में सचिन पायलट की मौजूदगी में कांग्रेस की महापंचायत में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट एक ही मंच से कई पटकथाएं लिख गए। यहां पर सबसे ज्यादा चर्चा में बना हुआ है कभी उनके करीबी रहे प्रशांत बैरवा का भरे मंच पर सचिन पायलट का पैर छूना।
प्रशांत बैरवा ने सबको चौंकाया
जयपुर ज़िले के चाकसू उपखंड के कोटखावदा में शुक्रवार को राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के नेतृत्व में समर्थित विधायकों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने महापंचायत का आयोजन किया। कार्यक्रम में सचिन पायलट के खेमे के 15 विधायक मौजूद रहेंगे ये तो सबको पता था लेकिन यहां प्रशांत बैरवा भी पहुंच जाएंगे ये सबको चौंका गया। लेकिन प्रशांत बैरवा कार्यक्रम में भी पहुंचे और उन्होंने पायलट की चरण वंदना करके फिर से सचिन पायलट पर अपने भरोसे की मुनादी कर दी।

जानें पायलट से बैरवा का कनेक्शन
दरअसल प्रशांत बैरावा का सचिन पायलट से याराना काफी पुराना है लेकिन इस दोस्ती को ऐसी नज़र लगी कि राजस्थान के सियासी भूचाल के वक्त जब सचिन पायलट के खेमे ने बगावत का बिगुल फूंका तो उनके साथी प्रशांत बैरवा ने मौके की नज़ाकत और सियासत की नदी की रवानी भांपकर पायलट को टाटा कहा, पलटी मारी और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खेमे में एंट्री मार ली थी। कठिन समय में सचिन पालयट का साथ छोड़कर वक्त की नब्ज़ पकड़ते हुए अशोक गहलोत के साथी बने प्रशांत बैरवा ने राजस्थान के मुखिया पर अपने भरोसे की का ऐलानिया इज़हार कर दिया था। अब जबकि राजस्थान का सियासी भूचाल शांत है, सबकुछ नॉर्मल दिखाई दे रहा है, ऐसे में प्रशांत बैरवा का फिर से अपने पुराने खेमे की ओर लौटना कई संभावनाओं को जन्म दे रहा है।

बैरवा के मंच पर पहुंचते ही शुरू हुई हूटिंग
जुलाई में पायलट का साथ छोड़ने वाले प्रशांत बैरवा भी महापंचायत के मंच पर पहुंचे। इस दौरान सचिन पायलट समर्थकों ने हूटिंग शुरू कर दी, हालांकि बाद में खुद सचिन पायलट ने मंच से खड़े होकर हूटिंग करते लोगों को शांत कराया। प्रशांत बैरवा सात महीने बाद पायलट के किसी कार्यक्रम में पहुंचे हैं। प्रशांत बैरवा पहले सचिन पायलट के ही साथ थे लेकिन जुलाई में बगावत के वक्त गहलोत खेमे में चले गए थे। बाड़ेबंदी में भी बैरवा गहलोत के साथ थे। ऐसे में हालिया घटनाक्रम के बाद ये सवाल उठने लग हैं कि क्या प्रशांत बैरवा गहलोत को छोड़कर वापस पायलट खेमे में आ गए हैं?