Monday, January 31, 2022
RAJASTHAN:  वसुंधरा राजे के जन्मदिन से पहले राजस्थान बीजेपी में बवंडर! किसकी ‘भक्ति’ में ज्यादा ‘शक्ति’ ?
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बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया कल से अपनी भक्ति यात्रा शुरू कर रहे हैं। वो वसुंधरा राजे की आराध्य देवी त्रिपुर सुंदरी के दर्शन करेंगे। जबकि कल ही भरतपुर में राजे गोवर्धन क्षेत्र में देव-दर्शन करेंगी। ऐसे में दोनों के सपोर्टर्स कन्फ्यूज़ हैं कि कल वो किसके प्रोग्राम में शामिल हों, वसुंधरा के देव दर्शन में या पूनिया के त्रिपुर सुंदरी के दर्शन में। क्योंकि बीजेपी कार्यकर्ता एक ही दिन दो अलग अलग जगहों पर हो नहीं सकते, ऐसे में कल ये भी तय हो जाएगा कि किस कार्यकर्ता की भक्ति किस नेता के साथ ज्यादा है।
प्रदेश में चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. पहले जहां सीधा मुकाबला कांग्रेस (Congress) और बीजेपी (BJP) में दिख रहा था, वहीं अब मुकाबला त्रिकोणीय हो चुका है। मैदान में RLP भी ताल ठोंक रही है। उपचुनाव में अब कांग्रेस-बीजेपी के साथ आरएलपी भी अपना ज़ोर आज़मा रही है। लेकिन चुनाव से पहले बीजेपी की खेमेबाज़ी विरोधियों के लिए बैठे बिठाए मिले मुद्दे जैसा है।
दरअसल राजस्थान में 4 सीटों पर प्रस्तावित उपचुनवों से पहले बीजेपी के खेमे में अन्दरूनी सियासत खूब गर्माई हुई है। पहले वसुंधरा राजे के समर्थकों का राजे समर्थन मंच बनाना, फिर राजे का धार्मिक यात्राएं शुरू करना और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डे के दौरे पर बीजेपी नेताओं को ‘एकला चलो रे’ वाली लीक से बचकर रहने की सीख देना। विरोधियों को बीजेपी पर निशाना साधने का मौका दे गया।

इतना भर रहता तो बीजेपी में आपसी गुटों में चल रही खींचतान का मामला शांत रहता। लेकिन अब वसुंधरा राजे की धार्मिक यात्रा और जन्मदिन के आयोजन ने कार्यकर्तओं को कन्फ्यूज़ कर दिया है। इन यात्राओं पर सबकी नज़र तो रहेगी ही इस दौरान कार्यकर्ताओं के ये भी तय करना होगा कि प्रदेश अध्यक्ष के टैंपल रन में शामिल हों या वसुंधरा राजे की धार्मिक यात्राओं में और उनके जन्मदिन के मौके पर समारोह में। क्योंकि रविवार से ही बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष का टैंपल रन शुरू हो रहा है और इसी दिन से राजे की धार्मिक यात्राएं भी।
बीजेपी नेताओं के कार्यक्रमों पर जितनी नज़र इनके अपने समर्थकों की है, उससे कहीं ज्यादा इंट्रेस्ट विरोधियों को है। क्योंकि नेताओं के जन्मदिन के आयोजन शक्ति प्रदर्शन के रूप में माने जाते हैं और उस नज़रिये से इस बार वसुंधरा राजे का जन्मदिन भी कुछ अलग नहीं है। खास बात यह कि वसुंधरा के जन्मदिन से ठीक एक दिन पहले जहां राजे भरतपुर में गोवर्धन क्षेत्र में देव-दर्शन करेंगी। तो राजे की आस्था के केन्द्र त्रिपुरा सुन्दरी मन्दिर में सतीश पूनिया धोग लगाएंगे।

बीजेपी के दोनों बड़े नेताओं के कार्यक्रमों ने कार्यकर्ताओं के सामने धर्म संकट ये खड़ा कर दिया है कि यात्रा में जाकर वसुंधरा राजे पर अपनी आस्था को साबित करें और ऐसा करके संगठन की नाराज़गी मोल लें या फिर दूसरा विकल्प अपनायें और इस कार्यक्रम से दूरी बनाकर राजे कैम्प की नाराज़गी झेलें?
कल दोनों नेताओं यानि राजे और पूनिया की धार्मिक यात्राएं शुरू होनी हैं, और 8 मार्च को अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस है। इसी दिन वसुंधरा राजे का जन्मदिन भी पड़ रहा है। ऐसे में 7 और 8 मार्च को वसुंधरा समर्थकों का जमावड़ा भरतपुर में होगा। इधर विपक्ष के नेता के साथ ही भाजपाई भी इस यात्रा को अपने-अपने नज़रिये से देख रहे हैं। जबकि वसुंधरा राजे समर्थक 25 से 28 विधायक रविवार को ही भरतपुर जाने की तैयारी में हैं। ऐसे में आस्थाओं की खूंटी से बंधे दोनों धड़ों के समर्थकों का रुख क्या होगा ये देखने वाली बात होगी।

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